ई-गवर्नेस (E-Governance) ई-गवर्नेस क्यों?(Why E-Governance?)
1.ई-गवर्नेस (E-Governance)
ई-गवर्नेस को नागरिकों के बीच सरकारी सेवा, सूचना, लेन-देन के संचार का आदान-प्रदान, विभिन्न प्रणालियों और सेवाओं को देने के लिए तथा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के लिए सरकारी कार्यालय से सम्बन्धित प्रक्रियाओं में प्रयोग किया जाता है। ई-गवर्नेस के माध्यम से एक सुविधाजनक, कुशल और पारदर्शी प्रणाली नागरिकों के लिए स्थापित होती है।
ई-गवर्नेन्स
• गवर्नेन्स अर्थात् शासन नागरिकों के हितों और कानूनी अधिकारोंऔर दायित्वों की अभिव्यक्ति सहित देश के राजनीतिक, आर्थिकऔर प्रशासनिक मामलों से सम्बन्धित है। \
• IECT का प्रयोग केन्द्र एवं राज्य स्तर पर सरकार द्वारा शासन कोसहज एवं स्वचालित बनाने के लिए किया जा रहा है।
• इससे न केवल सरकार की काम करने की क्षमता बढ़ी है, वरन् सरकार के काम में पारदर्शिता भी आयी है एवं जनता से बातचीत भी बढ़ी है।
• काम में पारदर्शिता के कारण सरकार के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ा है।
•ई-गवर्नेन्स के अन्तर्गत ईएडमिनिस्ट्रेशन, ई-सर्विसेज तथा ई-डेमोक्रेसी आते हैं, जिनका प्रयोग भारत सरकार के प्रशासनिक विभागों; जैसे-जिला न्यायालय, तहसील तथा परिवहन विभाग आदि में किया जा रहा है।
ई-गवर्नेस क्यों?(Why E-Governance?) |
नागरिक सेवाओं को सशक्त करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेस का प्रयोग कर नागरिकों को विभिन्न जानकारियाँ पहुँचाई जा सकती हैं। सरकार में नागरिकों की भागीदारी को सक्षम और नागरिकों के आर्थिक और सामाजिकअवसरों को बढ़ाने के लिए, ई-गवर्नेस का प्रयोग अत्यन्त | प्रभावशाली सिद्ध हो सकता है।
भारत सरकार राष्ट्रीय ई-शासन योजना के लिए नींव और देश के भीतर लम्बे समय तक ई-शासन के विकास के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना चाहती है। सरकार, राज्य एवं समन्वित सेवा स्तर को लागू करने के लिए और प्रशासन के लिए 'व्यापार-केन्द्रित' वातावरण को. 'नागरिक-केन्द्रित बनाना चाहती है। ई-शासन मानक पोर्टल (http://egovstandards.gov.in) विचारों, ज्ञान, मानकों को तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल विभिन्न समितियों के सदस्यों के बीच एग्रीमेण्ट दस्तावेजों व पासवर्ड को साझा करने का एक मंच प्रदान करता है।
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