कंप्यूटर का वर्गीकरण (classification of computer in hindi)

 कंप्यूटर का वर्गीकरण (classification of computer)


कार्य पद्धति के आधार पर वर्गीकरण Classification on working System

1. डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer) : डिजिटल कम्प्यूटर में ऑकड़ें (Data) को इलेक्ट्रिक पल्स के रूप में निरूपित किया जाता है। जिसकी गणना (0 या 1) से निरूपित की जाती है। इसका एक अच्छा उदाहरण है डिजिटल घड़ी। इनकी गति तीव्र होती है तथा यह करोड़ों गणणायें प्रति सेकेंड कर सकता है। आधुनिक डिजिटल कम्प्यूटर में द्विआधारी पद्धति (Binary System) का प्रयोग किया जाता है।

Monitor, Binary, Binary System, Computer

2. एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer): इसमें विद्युत के एनालॉग रूप का प्रयोग किया जाता है। इसकी गति धीमी होती है। वोल्टमीटर और बैरोमीटर इत्यादि एनालॉग यंत्र के उदाहरण हैं।



3. हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) : यह डिजिटल तथा एनालॉग का मिश्रित रूप ! है। इसमें इनपुट तथा आउटपुट एनालॉग रूप में होता है परन्तु प्रोसेसिंग डिजिटल रूप में होता

है। इनमें एनालॉग से डिजिटल कन्भर्टर (ADC) तथा डिजिटल से एनालॉग कन्भर्टर (DAC) का उपयोग होता है।



Input units

CPU

Output units

 

आकार के आधार पर वर्गीकरण Classification on size

 

 

1. मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) : इन मशीनों की विशेषता वृहत् आंतरिक स्मृति संग्रहण क्षमता (large internal memory storage) तथा सॉफ्टवेयर और पेरीफेरल यंत्रों को वृहत् रूप से जोड़ा जाना है। इसके कार्य करने की क्षमता तथा गति अत्यंत तीव्र होती है। इन सिस्टम पर एक साथ एक से अधिक लोग (Multi user) विभिन्न कार्य कर सकते हैं। इसके लिए मल्टिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का निर्माण बेल (Bell) प्रयोगशाला में किया गया। उपयोग-बैंकिंग, अनुसंधान, रक्षा, अंतरिक्ष आदि के क्षेत्र में। उदाहरण-IBM-370, IBM-S/390 तथा यूनिभैक-1110 इत्यादि

 

2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer): ये आकार में मेनफ्रेम से काफी छोटे होते हैं। इसकी संग्रहण क्षमता और गति अधिक हाता है। इसपर एक साथ कई लोग (Multi user) काम कर सकते हैं। 80386 सुपर चिप का प्रयोग इसमें करने पर वह सुपर मिनी कम्प्यूटर में बदल जाता है। उपयोग- कम्पनी, यात्री आरक्षण, अनुसंधान आदि में उदाहरण- AS 400, BULL HN-DPX2, HP 9000 और RISC 6000.

3. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer) : माइक्रो कम्प्यूटर में प्रोसेसर के रूप में माइन प्रोसेसर का उपयोग होता है। इसमें इनपुट के लिए की-बोर्ड तथा आउटपुट देखने के लि मॉनीटर का उपयोग होता है। इसकी क्षमता 1 लाख संक्रियाएँ प्रति सेकेंड होती है।

उपयोग- व्यावसायिक तौर पर, घरों में, मनोरंजन, चिकित्सा आदि के क्षेत्र में। उदाहरण- APPLE MAC, IMAC, IBM, PS/2, IBM काम्पेटेवल

4. पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer) : यह आकार में बहुत छोटे होते हैं। यह माइक्रो कम्प्यूटर का ही एक रूप है। इस पर एक समय एक ही प्रयोक्ता (User) कार्य कर सकता है। इसका ऑपरेटिंग सिस्टम एक साथ कई कार्य (Multitasking) कर सकता है। इसे इंटरनेट से भी जोड़ सकते हैं। भारत में निर्मित प्रथम कम्प्यूटर का नाम सिद्धार्थ है। पैकमैन नामक प्रसिद्ध कम्प्यूटर खेल के लिए निर्मित हुआ था।

उपयोग-घरों में, व्यावसायिक रूप से, मनोरंजन, आँकड़ों के संग्रहण में इत्यादि

उदाहरण- IBM, Compaq, Lenovo, HP आदि के पर्सनल कम्प्यूटर

5. लैपटॉप (Laptop) : यह PC की तरह ही कार्य करता है, परन्तु आकार में PC से भी छोटा तथा कहीं भी ले जाने योग्य होता है। CPU, Monitor, Keyboard, Mouse तथा अन्य ड्राइव भी इसमें संयुक्त होते हैं। यह बैटरी से भी कार्य करता है अतः कहीं भी इसको ले जाकर इसका उपयोग किया जा सकता है। वाई-फाई और ब्लु-टुथ (Bluetooth) की सहायता से इंटरनेट का भी उपयोग किया जा सकता है।

उदाहरण- IBM, Compaq, Apple, Lenovo आदि कम्पनियों के लैपटॉप

6. पामटॉप (Palmtop) : यह आकार में बहुत ही छोटा कम्प्यूटर है जिसे हथेली पर रखकर उपयोग किया जाता है। इसमें इनपुट ध्वनि के रूप में भी किया जाता है। इसे PDA भी कहा जाता है।

7 सपर कम्प्यूटर (Super Computer) : यह अबतक का सबसे शक्तिशाली कम्पा का प्रथम सुपर कम्प्यूटर 1976 ई० में क्रे-1 (Cray-1) था जो के रिसर्च कंपनी द्वारा यह इतिहास में सबसे सफल सुपर कम्प्यूटर है। भारत का प्रथम सुपर कम्प्यूटर द्वारा 1991 में विकसित किया गया था। वर्तमान प्रोसेसिंग क्षमता विशेषतः गणना ति में सपर कम्प्यूटर सबसे आगे है। इसमें मल्टी प्रोसेसिंग (Multi Processing) तथा का प्रोसेसिंग (Parallel Processing) प्रयुक्त होता है, जिसके द्वारा किसी भी कार्य कड़ों में विभाजित किया जाता है तथा कई व्यक्ति एक साथ कार्य कर सकते हैं। इसका उपयोग एनीमेटेड ग्राफिक्स, परमाणु अनुसंधान इत्यादि में होता है।

पेस सीरीज के सुपर कम्प्यूटर DRDO (Defence Research and Development Organisation) हैदराबाद तथा अनुपम सीरीज के कम्प्यूटर BARC (Bhabha Atomic Research Centre) के द्वारा विकसित किया गया। उदाहरण—CRAY-1


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